बकरी पालन – फायदे वा नुकशान

अगर आप बकरी पालनgoat farming in India” शुरू करने की सोच रहे हैं तो हम आपको बताएंगे की आप कम से कम संसाधनों में व्यवसायिक बकरी पालन किस तरह से कर सकते हैं। और उसमें कितना खर्चा आएगा।
बकरियों की दो उन्नत नस्ल जैसे बरबरी को बीटल नस्ल किसानों में काफी ज्यादा पॉपुलर है। और यह नस्लें व्यवसायिक रूप से बकरी पालन में ज्यादा फायदेमंद है।

bakri palan

बकरी पालन goat farming एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें किसान आसानी से अपनी आय को दुगनी से तिगरी कर सकता है। भारत में बकरी को एक एटीएम के तौर पर भी देखा जाता है क्योंकि आप कभी भी बकरी को बेचकर नगद पैसे ले सकते हैं। इस तरह जब भी आपको पैसे की जरूरत हो आप अपनी एक बकरी बेचकर अपना रुका हुआ काम पूरा कर सकते हैं। बकरी पालन में हमेशा उच्च नस्ल की है चयन करें।

बकरी व्यवसाय को लेकर हमने मेरठ के कृषि विभाग के डॉक्टर से बात करी की किसान किस तरह से बकरी पालन में उचित लाभ ले सकता है। डॉ एस कुमार ने हमें बताया की अगर बकरी पालन में उचित लाभ प्राप्त करना है तो बकरी पालन को वैज्ञानिक विधि से करना चाहिए। बकरी पालन करने से पहले किसान को किसी भी प्रशिक्षण संस्थान से बकरी पालन में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। आगे डॉक्टर बताते हैं की अच्छी नस्ल की मादा बकरी वाह नर बकरे का चयन करें। बकरियों का चयन करने से पहले पूरी तरह जांच परख ले कहीं उनको किसी प्रकार की बीमारी तो नहीं है।

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बकरी पालन से होने वाले फायदे।

बकरी पालन “goat farming” करने में कम से कम पूंजी की जरूरत होती है। उदाहरण के तौर पर एक भैंस की लागत कम से कम 100000 से 150000 लाख रुपए तक पहुंचती है इतनी ही राशि में हम 10 से 12 बकरियों को ले सकते हैं।

बकरियों को ज्यादा जगह की भी जरूरत नहीं होती क्योंकि इनका आकार अन्य जानवरों की तुलना में छोटा होता है।

बकरियों का स्वभाव बहुत कोमल होता है इसलिए हम इनको कि दूसरे जानवरों के साथ जैसे गाय या भैंस के साथ भी आसानी से रख सकते हैं।
बकरियां 1 साल में ही बच्चे देने लायक हो जाती है और यह एक बार में 2 से 3 बच्चे तक दे सकती है।

बेरोजगारों के लिए बकरी व्यवसाय एक अच्छा व्यवसाय है इसमें वह अधिक लाभ ले सकते हैं।

बकरियां आसानी से किसी भी माहौल में ढल जाती है। और सूखे क्षेत्रों में बकरी पालन में नुकसान बहुत ही कम होता है।

बकरी पालन goat farming कैसे करें।


अगर हम बरबरी की बात करें 10 बरबरी बकरियां कम से कम 1 से सवा लाख के बीच किसान भाइयों को पड़ जाएंगी। बकरियों के रहन-सहन जैसे उनके शेड बनाने पर किसान भाइयों को कम से कम ₹100000 का खर्चा आएगा। इस तरह 10 बकरियों के पालन पर तकरीबन ढाई लाख तक का खर्च आएगा। इसमें 10 बकरियां और उनकी रहन-सहन का पूरा खर्च है।

बकरियों में वैक्सीनेशन


बकरियों में वैक्सीनेशन बहुत ज्यादा जरूरी है। बकरियों के 3 महीने के बच्चे को पहला वैक्सीनेशन पीपीआर का दिया जाता है और उसके 18 दिन बाद उसको एफएमडी का वैक्सीन या टीका दिया जाता है और उसके 18 दिन बाद ईटी का टीका टीका दिया जाता है। इसके बाद रिपीट इनके इन तीनों टीको के बूस्टर डोज लगते हैं।

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